Dosti Shayari - सच्ची दोस्ती शायरी: ज़िंदगी की भीड़ में जब हर रिश्ता कभी न कभी बदल जाता है, एक रिश्ता ऐसा होता है जो वक़्त के साथ और गहराता है —वो है सच्ची दोस्ती। ना मतलब, ना स्वार्थ, बस एक दिल से जुड़े दो इंसान, जो हर दर्द में मुस्कान और हर जीत में ताली बन जाते हैं। इस शायरी में हमने उसी बेहतरीन रिश्ते को शब्दों में पिरोया है —जो न खून का होता है, फिर भी सबसे अपना लगता है।
Dosti Shayari - सच्ची दोस्ती शायरी
हम भी बैठा करते अक्सर शाम को गांव की पुलिया पर
हमको भी हमारे घर की जिम्मेदारियों ने शहर भेज दिया..🩷🥀
ना शिकवे, ना कोई गिला रखते हैं,
हम दोस्ती में बस दिल मिला रखते हैं।
वक़्त चाहे जैसा भी हो साथ निभाते हैं,
सच्चे दोस्त तो बस रब का सिला रखते हैं।
जो हँसी में भी तेरे आँसू पढ़ ले,
जो तेरे हर खामोशी को समझ ले।
वो दोस्त नहीं, खुदा की रहमत है,
जो तुझे तू बनने से पहले ही पहचान ले।
वो दिल से दिल के बीच सिलते।
सच्ची दोस्ती भी उन्हीं में से है,
जो हर मोड़ पे साथ चलते, बिना थके, बिना रुके।
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